LYRICS SHIV CHALISA SECRETS

lyrics shiv chalisa Secrets

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त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥

एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥

शिव चालीसा का पाठ पूर्ण भक्ति भाव से करें।

सोमवार – जिस भी क्षेत्र में आप कार्य करते हैं, आपको जल्दी सफलता मिलती है.

देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥

श्रीगुरु चरन सरोज रज, निजमन मुकुरु सुधारि। बरनउं रघुबर बिमल जसु, जो दायक फल चारि।।

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई । सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥

कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥

वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥

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अर्थ: माता मैनावंती की दुलारी अर्थात माता पार्वती जी आपके बांये अंग में हैं, उनकी छवि भी अलग से मन को हर्षित करती है, तात्पर्य है कि आपकी पत्नी के रुप में माता पार्वती भी पूजनीय हैं। आपके हाथों में त्रिशूल आपकी छवि को और भी आकर्षक बनाता है। आपने हमेशा शत्रुओं का नाश किया है।

पाठ करने से पहले गाय के घी का दिया जलाएं और एक कलश में शुद्ध जल भरकर रखें।

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